गुरुवार, 29 अगस्त 2013

जीवन - एक अनुभव का परिचय

हिंदी - विश्व की सर्वाधिक सुन्दर भाषाओं में से एक।  वो भाषा जिसमें गौरव है, सौंदर्य है और सबसे महत्वपूर्ण, वात्सल्य है। ब्लॉगिंग से मैं पिछले ६ सालों से जुड़ा हूँ। परन्तु अभी तक सिर्फ अंग्रेज़ी में ही लिखा करता था। मन में हमेशा एक कसक थी कि जिस भाषा से मुझे इतना प्रेम है उसके लिए मैं कुछ नहीं कर रहा। वैसे ही हम भारतीयों ने हिंदी की दशा इतनी बुरी कर दी है की कोई कह ही नहीं सकता कि हिंदी हमारी "मातृ-भाषा" है।  और इसमें सबसे बड़ा हाथ हम युवाओं का है जो सोचते हैं अंग्रेज़ी बोलना गौरव और हिंदी बोलना शर्म की बात है। मेरा कार्यालय (जो की एक भारतीय बहु-राष्ट्रीय उद्यम है) जहाँ मैं काम करता हूँ, वहीँ हिंदी को लेकर लोगों में मानसिक संकीर्णता है। जब भी मैं शुद्ध हिंदी बोलने की चेष्टा करता हूँ, उनके मुख से स्वतः हंसी फूट जाती है। तभी मेरे मन में आया की एक ब्लॉग हिंदी के नाम। अब बारी आती है इस चिट्ठे की। जीवन - एक अनुभव अर्पित है मेरे और हम सबके जीवन को जिसमें तमाम अनुभव हैं। वेदनाएं हैं तो सुखद अनुभूति भी है, अन्धकार है तो प्रकाश भी है। संक्षेप में, इन्द्रधनुष के समस्त वर्ण मिलकर एक अनुभव का सृजन करते हैं जिसका नाम है जीवन। ये चिट्ठा मेरे वास्तविक अनुभवों पर आधारित है। जो कुछ भी मैं देखता या सुनता हूँ उसको शब्दों में पिरोने की मेरी कोशिश है यह। सभी विचार मेरे निजी हैं, कृपया इसे अन्यथा न लें।